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Google Search क्रॉलिंग, अनुक्रमण और रैंकिंग पर वेबमास्टर्स के लिए आधिकारिक जानकारी
उपयोगकर्ताओं को अच्छी क्वालिटी की ज़्यादा सामग्री दिखाना
सोमवार, 19 फ़रवरी 2018
दुनियाभर की जानकारी आसानी से लोगों तक पहुंचाने के Google के
मिशन
में, हम Google उपयोगकर्ताओं को अच्छी क्वालिटी की सामग्री उपलब्ध कराना चाहते हैं। हमारे
क्वालिटी रेटर दिशा निर्देशों
में हमारा यह मकसद साफ़ तौर पर ज़ाहिर होता है। Google पर मौजूद अच्छी क्वालिटी की सामग्री का बड़ा हिस्सा पेशेवर प्रकाशक उपलब्ध कराते हैं, जिनसे उपयोगकर्ताओं को फ़ायदा होता है। ऐसे प्रकाशकों की सफलता को हम बढ़ावा देना चाहते हैं।
यह इकोसिस्टम दो स्रोतों से आने वाली आय से चलाया जाता है: विज्ञापन और सदस्यता। सर्च में कारगर होने के लिए सदस्यता और उसके ज़रिये मिलने वाली सामग्री के बीच सही संतुलन होना बहुत ज़रूरी है। आमतौर पर, सदस्य बनकर मिलने वाली सामग्री, paywalls के पीछे छिपी रहती है, ताकि सदस्यता न लेने वाले उपयोगकर्ता उन तक न पहुंच पाएं। हमारी जांच से पता चला है कि जिन लोगों को paywall के ज़रिए मिलने वाली अच्छी क्वालिटी की सामग्री के बारे में नहीं पता है, वे अक्सर मुफ़्त सामग्री उपलब्ध कराने वाली साइटों पर जाते हैं। अगर किसी को पहले ही सामग्री की खासियत के बारे में न मालूम हो, तो उन्हें सदस्य बनाना मुश्किल होता है। वास्तव में, हमारी जांच से यह बात सामने आई है कि उपयोगकर्ता सदस्यता वाली साइटों से दूर रहते हैं। इसलिए यह ज़रूरी है कि इस तरह की साइटें, उपयोगकर्ताओं को अपनी सामग्री में से कुछ चीज़ें मुफ़्त में, बतौर सैंपल उपलब्ध कराएं। ऐसा करने से उपयोगकर्ताओं को यह पता चल जाएगा कि इन साइटों की सामग्री कितनी मूल्यवान है।
इस समस्या को दूर करने के लिए Google
वेब सर्च
और
समाचार
, दोनों के लिए पहला क्लिक मुफ़्त (First Click Free) नीति बनाई गई थी। इससे सदस्य बनकर मिलने वाली सामग्री उपलब्ध कराने वाले प्रकाशकों को मौक़ा मिलता है कि वे अपना प्रचार कर सकें और उपयोगकर्ता उन्हें खोज सकें। साथ ही, Google उपयोगकर्ताओं को यह सामग्री खोजने का मौका देता है। पिछले कुछ सालों में हमने प्रकाशकों के साथ मिलकर यह पता लगाया है कि 'पहला क्लिक मुफ़्त' नीति ने Google उपयोगकर्ता की संतुष्टि के स्तर पर क्या असर डाला है। इसके साथ हमने यह भी मालूम किया है कि प्रकाशन नेटवर्क को सही तरीके से चलते रहने के लिए, इस नीति से कितनी मदद मिल रही है। हमारे हिसाब से 'पहला क्लिक मुफ़्त' नीति, सैंपल उपलब्ध कराने का सही मॉडल है। हालांकि, प्रकाशक बेहतर तरीके से यह तय कर सकते हैं कि सैंपल उपलब्ध कराने की कौन सी खास नीति उनके लिए सबसे अच्छी रहेगी। इसलिए, हम सर्च के लिए ज़रूरी 'पहला क्लिक मुफ़्त' नीति हटा रहे हैं। हम प्रकाशकों को मुफ़्त सैंपल उपलब्ध कराने के अलग-अलग तरीकों के साथ प्रयोग करने के लिए बढ़ावा दे रहे हैं। हालांकि, यह सिर्फ़ तब ही मुमकिन है, जब ये तरीके नए
वेबमास्टर दिशा-निर्देशों
के अनुसार काम करें। हम इसे
फ्लेक्सिबल सैंपलिंग
कहते हैं।
'पहला क्लिक मुफ़्त' नीति बनाने की बुनियादी वजह
क्लोकिंग
से जुड़ी समस्याओं को दूर करना है, जहां Googlebot के लिए उपलब्ध जानकारी, Google उपयोगकर्ताओं के लिए उपलब्ध जानकारी से अलग होती है। स्पैमर अक्सर धोखेबाज़ी से सर्च इंजन का गलत फ़ायदा उठाने की कोशिश करते हैं। उदाहरण के लिए, सर्च इंजन में 'अच्छी सेहत के लिए खाना बनाने के तरीके' जैसी सामग्री दिखाकर अपनी साइट पर 'वज़न घटाने की दवा' बेचने की कोशिश करते हैं। 'क्लिक के लिए ललचाने वाला' यह तरीका उपयोगकर्ताओं पर बुरी छाप छोड़ता है क्योंकि उन्हें मन मुताबिक सामग्री नहीं मिल पाती है। Paywall वाली साइट को उनके पेज पर नया
स्ट्रक्चर्ड डेटा (structured data)
लागू करने के लिए बढ़ावा दिया जाता है। ऐसा इसलिए किया जाता है क्योंकि इसके बिना, Paywall को पहचानने में गलती हो सकती है और इसे क्लोकिंग समझा जा सकता है। ऐसा होने पर, सर्च नतीजों से आपके पेज हटा दिए जाएंगे।
अपनी जांच के आधार पर, अलग-अलग तरह से सैंपल लागू करने के लिए, हमने बहुत विस्तार से
इस्तेमाल के सर्वोत्तम तरीकों
की जानकारी दी है। हम दो तरह से सैंपल देने की सलाह देते हैं:
मीटरिंग (metering)
, जिसमें उपयोगकर्ताओं को मुफ़्त में कुछ लेख दिए जाते हैं और बाद में paywalls दिखनी शुरू हो जाती हैं; और
लीड-इन (lead-in)
, जिसमें लेख का कुछ हिस्सा ही दिखाई देता है।
हमें लगता है कि महीने की मीटरिंग में (दिन की मीटरिंग के मुकाबले) काफ़ी कुछ किया जा सकता है। साथ ही, उसमें जांच भी बेहतर तरीके से की जा सकती है। जैसे, हर दिन 3 सैंपल मिलने के मुकाबले एक महीने में 10 सैंपल मिलना बेहतर है। ऐसा इसलिए है क्योंकि तब, हर एक सैंपल के साथ आगे बढ़ते हुए, इस्तेमाल करने वालों का अनुभव बेहतर होता है। सभी प्रकाशक और उनके दर्शक अलग-अलग तरह के होते हैं। इसी वजह से, सभी प्रकाशकों के लिए मुफ़्त सैंपल देने की कोई एक तय संख्या नहीं है, जिससे उन्हें सबसे ज़्यादा फ़ायदा हो। हालांकि, हम सलाह देते हैं कि नए संभावित सदस्यों का अनुभव अच्छा बनाए रखने के लिए प्रकाशक Google सर्च का इस्तेमाल करने वाले लोगों को हर महीने 10 मुफ़्त क्लिक देने से शुरुआत करें। इसके बाद प्रकाशकों को, खोजे जाने पर ज़्यादा दिखने और दर्शकों को ग्राहकों में बदलने में से किसी एक पर ज़ोर देने की दुविधा को दूर करने की कोशिश करनी चाहिए। इसके लिए उन्हें ऐसे प्रयोग करने चाहिए जो उनके कारोबार के लिए अच्छे साबित हों।
लीड-इन आमतौर पर कम की गयी सामग्री के रूप में लागू किया जाता है, जैसे कि लेख की शुरुआती पंक्तियां या 50-100 शब्द। लीड-इन से उपयोगकर्ताओं को यह पता चलता है कि सामग्री कितनी मूल्यवान हो सकती है किसी ऐसे पेज के मुकाबले जिस पर चीज़ें पूरी तरह से छिपी हुई हों, और ऐसे में लीड-इन का तरीका बेहतर है। यह उपयोगकर्ताओं के लिए ज़्यादा उपयोगी है और वे चीज़ों को ज़्यादा बेहतर तरीके से समझ सकते हैं।
हम इस बदलाव से बहुत खुश हैं क्योंकि इससे बेहतरीन सामग्री वाले नेटवर्क का विकास होगा, जो उपयोगकर्ताओं के लिए फ़ायदेमंद है। हम उपयोगकर्ताओं को अच्छी क्वालिटी की सामग्री उपलब्ध कराने की उम्मीद रखते हैं!
प्रिंसिपल इंजीनियर, कोडी क्वोक द्वारा प्रकाशित
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