बहुत सी साइटें रिस्पॉन्सिव वेब डिज़ाइन का इस्तेमाल करने लगी हैं और कई वेबमास्टर भी इससे जुड़े सवाल पूछ रहे हैं। वे “m-dot URL” के रूप में चर्चित अलग-अलग मोबाइल URL से डेटा दूसरी जगह ले जा कर रिस्पॉन्सिव वेब डिज़ाइन के इस्तेमाल के बारे में जानना चाहते हैं। यहां कुछ सुझाव दिए गए हैं कि कैसे अलग-अलग URL को एक रिस्पॉन्सिव URL में कैसे बदला जाए, जिससे आपकी साइटें Google के सर्च नतीजों में अच्छा प्रदर्शन कर सकें।
Googlebot अनुकूल तरीके से रिस्पॉन्सिव साइटों में बदलना
एक बार आपकी रिस्पॉन्सिव साइट तैयार हो जाए, तो आप बस आगे के बारे में थोड़ा सोच कर अपनी साइट को उस URL पर ले जा सकते हैं। डेस्कटॉप वर्शन के लिए आपके सारे URL एक जैसे ही रहेंगे। इसलिए, आपको बस मोबाइल URL से 301 रीडायरेक्ट को कॉन्फ़िगर करना होगा ताकि वह रिस्पॉन्सिव वेब URL पर ले जाए।
यहां रिस्पॉन्सिव साइट में बदलने का तरीका विस्तार से बताया गया है:
अपनी रिस्पॉन्सिव साइट तैयार कर लें
पुराने मोबाइल URL से 301 रीडायरेक्ट को ऐसे कॉन्फ़िगर करें कि वे रिस्पॉन्सिव वर्शन (नए पेज) पर ले जाएं। हर URL के लिए ये रीडायरेक्ट अलग से कॉन्फ़िगर किए जाने चाहिए। इसका मतलब है कि रिस्पॉन्सिव URL पर एक बार में एक मोबाइल URL को रीडायरेक्ट किया जाना चाहिए।
अपनी साइट पर मौजूद मोबाइल URL के लिए खास तौर पर बने किसी भी कॉन्फ़िगरेशन को हटाएं। जैसे कि कंडीशनल (शर्तिया) रीडायरेक्ट या बदलने वाला (vary) HTTP हेडर।
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अगर आप फ़िलहाल डायनैमिक सर्विंग का इस्तेमाल करे रहे हैं और रिस्पॉन्सिव डिज़ाइन अपनाना चाहते हैं, तो आपको किसी रीडायरेक्ट को जोड़ने या बदलने की ज़रूरत नहीं है।
रिस्पॉन्सिव वेब डिज़ाइन को अपनाने के कुछ फ़ायदे
रिस्पॉन्सिव साइट बना लेने से, आगे चल कर आपके लिए रख-रखाव और रिपोर्ट करने की सुविधाएं ज़्यादा आसान हो जाएंगी। अब सभी पेज के लिए, अलग-अलग URL प्रबंधित करने की ज़रूरत नहीं होगी। साथ ही इसके ज़रिए कई तकनीक और प्रक्रियाएं अपनाई जा सकेंगी। इनमें अंतर्राष्ट्रीयकरण (बहु भाषीय बनाने) के लिए hreflang, रफ़्तार के लिए AMP, बेहतर सर्च सुविधाओं के लिए स्ट्रक्चर्ड डेटा जैसी चीज़ें शामिल हैं।
अगर आपको और मदद की ज़रूरत है, तो आप कभी भी हमारे वेबमास्टर फ़ोरम में सवाल पूछ सकते हैं।
लेखक: चेरी प्रॉमाविन (वेबमास्टर संबंधी मामले)